संकल्प: ज्योति सेन

संकल्प जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि कुछ भी करने की ठान लेना या उसे करने के लिए खुद से वादा करना उसे निभाना उसे संकल्प कहते हैं। जो यह भौतिक पदार्थ है तथा संपूर्ण सृष्टि में जो हम देख रहे हैं वह भी भगवान विष्णु के संकल्प से ही उत्पन्न हुई हैं। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिन्होंने अपने जीवन में संकल्प लिया तथा उन्होंने अपने संकल्प को पूरे होते हुई देखा जैसे कि भीष्म पितामह का संकल्प आजीवन विवाह करना, परशुराम जी का संकल्प पृथ्वी को क्षत्रियों से विहीन करना, शिवाजी का संकल्प मुगलों का अंत, महाराणा प्रताप का संकल्प मुगलों की अधीनता स्वीकार न करना, गांधी जी का संकल्प अहिंसा पर चलना, पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों का जीतना तथा अनेक स्वतंत्रता सेनानियों का संकल्प जिन्होंने देश की आजादी का संकल्प लिया तथा वे अपने संकल्प में  सफल भी हुए। यह सब अपने संकल्प पर सफल इसलिए हुए क्योंकि इनकी इच्छाशक्ति बहुत मजबूत थी

जीवन में सफल होने के लिए हमारी इच्छा शक्ति का होना बहुत जरूरी है यदि हमारी इच्छा शक्ति दृढ़ है तो हमें आगे बढ़ने के लिए कोई नहीं रोक सकता। जीवन में कई परिस्थितियाँ आती है जो हमें अपने संकल्प से दूर ले जाती है। परंतु यदि हमारा संकल्प दृढ़ है तो उसे पूरा होने को कोई नहीं रोक सकता। मैंने भी अपने जीवन में संकल्प लिए हैं और वह संकल्प जब तक पूरा नहीं हुआ तब तक उसे याद रखा है संकल्प लेते हैं तो हमें अपना लक्ष्य हमेशा बार-बार याद आता है

जैसे-बचपन में, मैं बहुत सुपारी खाती थी। वह भी इस हद तक कि वह मेरी आदत में चुकी थी, मैं सोचती थी कि मैं उसके बिना नहीं रह सकती हूँ जब मैं सातवीं में पढ़ती थी तब एक बार मेरे अध्यापक ने उसका नुकसान बताया और इसे खाने के लिए कहा उसी दिन से मैंने यह संकल्प ले लिया कि मैं कभी भी जीवन में सुपारी नहीं खाऊँगी और उस संकल्प को मैं आज तक निभा रही हूँ इसी प्रकार मैं रोज दिन में चाहे कितनी भी व्यस्त हूँ सिर्फ एक घंटा अपने लिए निकाल कर रामसुखदास जी महाराज का सत्संग सुनती हूँ और लिखती हूँ पहले मैं बहुत बार भूल जाती थी, फिर इसे पूरा करने के लिए मैंने इसका भी संकल्प ले लिया अब मैं चाहे किसी भी जगह हूँ इसे अवश्य सुनती हूँ और लिखती हूँ

यदि यह संकल्प मैं नहीं लेती तो यह मैं रोज नहीं कर पाती जो मुझे अच्छा भी लगता है। अंत में, मैं यही हूँगी कि संकल्प से सब संभव है अगर किसी काम को ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है।

Jyoti Sain
The Fabindia School
jsn@fabindiaschools.in

No comments:

Post a Comment

GSI Journal | Sandeep Dutt | Substack

www.GSI.IN

Blog Archive