Wednesday, March 31, 2021

विद्यार्थी के दायित्व - राजेश्वरी राठौड़

Courtesy: schooltonic.com
विद्यार्थी जीवन हमारे पूरे जीवन की नींव होती है और इसी समय हमें अपने कुछ दायित्व निर्धारित कर लेने चाहिए। दायित्व का अर्थ है जिम्मेदारी या दूसरे शब्दों में किसी कार्य की पूर्ति का भार। विद्यार्थी आने वाले समय के भारत के भविष्य हैं। विद्यार्थी देश और समाज के आधार है। 

अनुशासन में रहना विद्यार्थी का दायित्व विद्यार्थी को दायित्व संभालने से पहले यह विचार कर लेना चाहिए कि देश को किस क्षेत्र में उनका सहयोग चाहिए। आज हमारे देश में अशिक्षा और अस्वास्थ्य यह दो बड़ी समस्या इसलिए विद्यार्थियों को यह दायित्व लेना चाहिए कि वह पूरे भारत को शिक्षित और स्वस्थ बनाएंगे एक विद्यार्थी अपने नैतिक गुणों से अशिक्षित को शिक्षा प्रदान करें , तो जल्दी ही देश का प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित हो जाएगा धार्मिक संस्कारों को 

अपने हृदय में विकसित करना अपने माता-पिता और बड़ों का कहना मानना चाहिए। इसी तरह हम समाज में रहते हैं समाज कीअन्य समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए। विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य जीवन के सभी रूपों का खुले नजरिए से देखना है और समस्याओं का समाधान करना जिससे देश और समाज की प्रगति हो।

राजेश्वरी राठौड़
The Fabindia School
rre@fabindiaschools.in

Tuesday, March 30, 2021

Thoughtfulness - Rahul Thakur

Thoughtfulness is thinking before we act an action. Thoughtfulness is a way to encourage love and appreciation for others. It is thinking to change the world for the better. A way to show thoughtfulness is to help someone; it helps us feel better. By thoughtfulness, you can neutralise them negatively. When someone doesn’t act with respect or kindness, that time how you react.                                                 
Anger is an emotion that can cause so much damage and hurt at school that you want to handle it. You think about people other than yourself. This is thoughtfulness.

Sometimes we act before we think. This can hurt other people, so think and then react. We always need someone who thinks that people who think a favour of others always benefit and are loved by everyone.

Rahul Thakur
The Fabindia School
rtr@fabindiaschools.in

धैर्य सफलता की कुंजी - Kusum Dangi

Courtesy: medium.com
"धैर्य  वह सवारी है जो अपने सवार को कभी गिरने नहीं देती ना किसी के कदमों में और ना किसी की नजरों में"
 
संसार में रहते हुए अनेक कठिनाइयों तथा मुश्किल परिस्थितियों का आना   स्वाभाविक हैं। लेकिन जो इंसान अपने विवेक को धारण करते हुए धैर्य  के साथ आगे बढ़ता है वही सफलता को प्राप्त कर सकता हैं। इस संसार में अनेक प्राणी मौजूद हैं ,परन्तु मनुष्य को छोड़कर ऐसा कोई प्राणी  नहीं है जिसके पास विवेक और  सोचने की शक्ति हो सकता है I

"धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय माली सींचे सौ घड़ा ऋतु आए  फल होय "
 अर्थात  एक बीज को पौधा बनने में एवं फल देने में समय लगता हैं जिसका  हम सभी को धैर्य से इंतजार करना चाहिए अर्थात हमें कर्म  करते रहना चाहिए और धैर्य से अपने परिणाम का इंतजार करना चाहिए। हमे बच्चों को भी सीखाना चाहिए कि किसी कार्य में जल्दबाजी ना करे क्योंकि इससे वो कार्य बिगडऩे की संभावना अधिक रहती हैं।और हमे अच्छे परिणाम नहीं मिल पाते हैं। इसलिए धैर्य से हम कठिन से कठिन कार्य को सरल बना सकते हैं जिससे हम सफलता को प्राप्त कर सकते हैं।

Kusum Dangi
The Fabindia School
kdi@fabindiaschools.in

अनुशासन — उषा पंवार

Courtesy: ecoleglobale.com
अनुशासन ही मनुष्य को श्रेष्ठता प्रदान करता हैं। 
अनुशासन से राष्ट्र की उन्नति होती हैं। 
स्वयं पर स्वयं का शासन कहलाता है अनुशासन
यह है नियमों का अनुसरण, बनता है जिससे आदर्श जीवन।
अनुशासन सुसंस्कार है, सफल जीवन का यही आधार है।
अच्छे विद्यालय ही अनुशासन के निर्माता हैं।
सुसंस्कृत परिवार में ही बालक अनुशासन पाता है,
अनुशासित विद्यार्थी बढ़ाते हैं देश का मान।
अनुशासन राष्ट्र हित में है जरूरी, 
कर्तव्यों का पालन हमारी है जिम्मेदारी,
अनुशासित रहना ही है सच्ची समझदारी।।

जीवन में सफल होना है तो अनुशासित होना आवश्यक है। विद्यार्थी जीवन में तो इसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है क्योंकि विद्यार्थी जीवन को किसी भी मनुष्य के जीवन काल की आधारशिला कह सकते है क्योंकि इस समय वह जो भी गुण अवगुण अपनाता है उसी के अनुसार उसके चरित्र निर्माण होता है। अनुशासित रहने से जीवन में एक तरह की नियम बद्धता आ जाती हैं। नियम बद्ध होकर काम करने मैं बहुत आनंद आता है। कठिन कार्य सरलता से हो जाते हैं ।विद्यालय, परिवार, समाज में भी अनुशासन का होना आवश्यक होता है। अनुशासित व्यक्ति के अंदर साहस, धैर्य जैसे गुणों का विकास होता है।

अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीधी मानी जाती है। अनुशासन जैसे कार्यों को समय पर पूरा करने का प्रयास करना बुरी आदतों व कार्यों से दूरी बनाना अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना यही अनुशासन है।

प्रकृति कभी अनुशासन का उल्लंघन नहीं करती जैसे सूर्य चंद्रमा हर दिन सही समय पर उदय और सही समय पर अस्त होते हैं। हम भी तो प्रकृति के ही अंग हैं तो हमें भी अनुशासन का सदैव पालन करना चाहिए। बचपन से ही बच्चों को अनुशासन का महत्व बताया जाए और उसका पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए।

धन्यवाद,
उषा पंवार
The Fabindia School 
upr@fabindiaschools.in

Friday, March 26, 2021

Humility and Appreciation - Visionary JMMS

Listen to the story
Photo credit- Google.Pinterest
Humility and appreciation are two values of life. When péople stops judging others and try to find out the good qualities in them and encourage them to do something fruitful out of their actions. We can love and appreciate, which will create a happy and healthy environment in our educational field and our lives.

We have a story based on a real incident in the school. This is the story of a little shy boy who was afraid of speaking and taking the initiative, but he was always appreciated by the teachers due to his good personality. Days went by, but his nature did not change, all the teachers used to appreciate him and encouraged him to take part in the small activities, we even gave him one of the most powerful and important roles in our annual day function, he wasn't ready for that, but we politely encouraged, motivated and appreciated him for his every action slowly he also started gaining interest and turned to be the best role player of that event.

Photo credit-https://www.dmc.tv/pages//Humility-2.html

Visionary JMMS- Parineeta Negi, Ambika Gurung, Manmohan Kaur and Bharti Dangwal.
John Martyn Memorial School, Salangaon, Dehradun India

Hope and Friendship - Magnets DGS

"A friend should be one in whose understanding and virtue we can equally confide and whose opinion we can value at once for its justness and its sincerity." Robert Hall

Everyone hopes for friendship. Hope comes with faith that the friend will be loyal, honest and trustworthy.
As children, we wish to possess certain material things- toys, chocolates or even good marks. As adults, our wishes may change to more materialistic things like cars, houses, etc. A wish may push you to work aggressively towards it.

Hope is a dream, a desire, a belief that helps you stay calm and peaceful. Hope is accompanied by faith. You hope for a happy and peaceful life, good health, family and friends. You enjoy the company of your friends. The friendship that develops during school days lasts forever. You may not meet each other regularly after leaving school, but the bond is always there. The various alumni associations are proof. There is no age bar in friendship, an eight-year-old and an eight-year-old may get along well. A strong bond of friendship and understanding may be witnessed even with a pet. Good friends are honest and loyal; they stay with you, accept you, regardless of the circumstances. True friends give you honest advice and correct you when you are in the wrong. Mutual respect and admiration strengthen the bond of friendship between friends. Hope and friendship are important for mental health.



दोस्त शब्द में गूढ़ अर्थ छिपा है ,
जो दोस्तों के दोषों को अस्त कर देता है ,
वही सच्चा मित्र बन अपना धर्म निभाता है |
न कोई शिकवा न कोई आशा होती है ,
बस स्वेच्छा से त्याग की भावना होती है |        
                   दोस्ती में हर रोज़ मिलना जरूरी होता नहीं ,
                   बस एकबार दिल से रिश्ता जुड़ जाए
                   तो दोस्त कभी जुदा होता नहीं  |
                   एक सच्चा दोस्त कभी अपने दोस्त के
                   रास्ते में आता नहीं  ,
                   अगर एक गलत हो तो दूसरा हाथ पकड़
                   कभी छोड़ता नहीं |  
प्रेम और त्याग की डोर से जुड़ी एक “ विश्वास ” है दोस्ती ,
क्योंकि दुनियाँ के सभी रिश्तों में बड़ी “ खास ” है दोस्ती |
इतिहास गवाह है इस बात का कि...................
मित्रता में कोई जात-पात या ऊँच-नीच नहीं है होता ,
बस प्रेम , त्याग और विश्वास निभाया है जाता |
श्री कृष्ण –सुदामा के रिश्तों को कौन भुला है पाया  ?
बिन आशा और शर्तों के , राज-पाट मित्र सुदामा पर लुटाया  |
                  महाभारत के धर्म युद्ध में , कर्ण - दुर्योधन से
                  नि:स्वार्थ मित्रता देख ,सबने मान लिया लोहा उसका | 
बस अंत में इतना कहना है कि मित्रता में आशा रखना स्वाभाविक होता है और एक मित्र का दूसरे मित्र की आशा को पूरा करना उसका दायित्व होता है ||

Magnets DGS: Kiran Juyal, Manju Srivastava, Mezhu Chopra, Pooja Sharma and Renu Sundriyal
The Doon Girls' School, Dehradun

Thursday, March 25, 2021

Hope and Friendship - Flyers DGS

It is well said that a person is not poor if he is broke. He is poor when he has lost hope. When we hope we establish our connection with the Supreme power. We ask it to help us achieve what we hope for, although we know that it is not in the hands of humans to achieve. We believe in things that seem unachievable by humans or happen on earth. So, we can say hope is a strength that keeps us alive. 

Six Reasons to be hopeful in life:

·       Hope is the state of mind when we expect positive results in the hard circumstances.

·       It gives us a reason to never give up.

·       It makes us think that things will work, even when everything seems impossible.

·       It helps us to stay calm and peaceful when the situation is not in our favour.

·       It makes us optimistic towards life.

·       Being hopeful helps us to better deal with our anxieties and prepares us to manage the inevitable disappointments that are a part of life.

A man who regularly attended family & friends’ meetings suddenly, without any notice, stopped participating. After a few weeks, one freezing night, the group leader decided to visit him. He found the man at home, alone, sitting in front of a fireplace where a bright fire burned. The man welcomed the leader. There was a great calm and silence. The two men only watched the dancing flames around the logs that crackled in the fireplace. After a few minutes, the leader, without saying a word, examined the logs that formed the fire and selected one of them, glowing most brightly of all, and removed it to the side with a pair of tongs. Then he sat down again.

The host was paying attention to everything, fascinated. Before long, the lone log’s flame subsided until there was only a momentary glow and the fire soon went out. What was previously bright light and heat had become nothing more than a black dead piece of wood in a short time.

Very few words had been spoken since the greeting.

Before preparing to leave, the leader picked up the useless piece of wood with the tongs and placed it again in the middle of the fire. The piece of wood was immediately rekindled, fueled by the light and heat of the burning logs around it. When the leader was about to leave and had reached the door, the host said: ‘Thank you for your visit and for your beautiful lesson. I'll return to the group soon.’

Why is a group of friends important in our lives?

Each friend that withdraws takes fire and heat from the rest. It's worth reminding you that all our friends are a part of the flame. It's also good to remind us that we are all responsible for keeping each other's flame burning.

We must promote unity among us so that the fire is powerful, effective and lasting. Keep the fire burning. It doesn't matter if sometimes we are bothered by our differences, quarrels and misunderstandings. What matters is to be connected. We are here to meet, learn, exchange ideas or simply to know that we are not alone.  So, Let's keep the flame alive. Life is beautiful with friends and family.  

One of our members penned this down beautifully -

खुशी ,उम्मीद ,आशा ,अभिलाषा  तमन्ना कितने शब्द हैं अपने खुशी को व्यक्त करने के लिए, उम्मीद दिखाने के लिए

हम सभी ने दो दोस्तों वाली कहानी सुनी, पड़ी ,समझी और सभी को याद भी होगी।  जंगल में एक साथ चलने वाले दो दोस्त जब सामने शेर को आते हुए देखते हैं तो एक तो पेड़ पर चढ़ जाता है दूसरे को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता तो जमीन पर लेट जाता है ।शेर उसके पास आता है और फिर थोड़ी देर बाद दूर चला जाता है। जब दूसरा दोस्त नीचे उतरा और उसने उससे पूछा कि आखिर शेर ने तुम्हें क्या कहा तो इस दोस्त ने उत्तर दिया, ऐसे दोस्त से उम्मीद मत  करना यह एक बहुत बड़ा आघात दोस्त के लिए था।

मैं नहीं कहती कि हर दोस्त हर उम्मीद को पूरा कर सकता है परंतु उम्मीद तो रहती है। तो दोस्ती में उम्मीद और दोस्ती दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं हम ऐसे भी नहीं कह सकते कि हम बिना उम्मीद के अपने दोस्तों से जुड़े हुए और हम यह भी नहीं कह सकते कि जब हमें आवश्यकता पड़ती है तो हम अपने दोस्त को याद नहीं करते इसलिए याद करते हैं क्योंकि हमें उनसे उम्मीद है कि वह शब्दों के द्वारा और अन्य तरीके से हमारा साथ देगा या हमें समझेगा।

                                                         जीवन के हर कदम पर

                                                         हमारी सोच, हमारी बोल

          हमारे कर्म हमारे,

                                                         दोस्त बनाते हैं।

अनेकों उदाहरण हम लोगों के सामने हैं कि दोस्ती अपनी में एक उम्मीद है खुशी का पिटारा है अच्छे दोस्त जीवन को समर्थन उस में चार चांद लगा देते हैं।

Talking about friendship – it is a bond between people that connects them and let them share each other’s feelings and thoughts. Friendship is associated with care, share, trust, respect, concern and even love.

Six Reasons why do we need friendship in our lives-

·       Friendship is a relation that can see the truth and pain when we try to hide these from others.

·       A real friend makes us laugh louder, smile brighter and live better.

·       Having strong social ties can also decrease feelings of loneliness.

·       Supportive friends can help you feel more confident by offering praise and reassurance when you're feeling unsure.

·       Friends improve the qualities of our life and bring joy.

·       Real friends teach you a lot about yourself.

Written hopefully by a group of friends - Vandana Goel, Vijaya Jugran, Urvashi Uniyal, Nandini Arora, Bhumika Vyas and Ritika Tyagi

Hope and Friendship - Dynamic DGS

Hope is the oxygen of the heart and soul, and thus the essence of life and our entire planet thrives on it, for it's like a prism through which we see a spectrum of optimism. Positive thoughts may be the possibility of a key to a closed-door or another open door! We, as mentors, are a beacon of hope for our students; a hope that keeps us all positive in a confusing world so full of negativity; a hope of getting better at everything each day. Similarly, mentors too hope that all their efforts put into their students will be recognised and appreciated. 

Hope motivates us to persevere and keep moving forward despite the many obstacles we may face during our journey. "Whispering hope, o how welcome thy voice, making my heart in its sorrow rejoice." Where there is hope, there is a beautiful relationship, and that is friendship. The language of friendship is not words but meanings.

Our friends teach us to be patient with each other, try new hobbies, and a friend gives hope when life is low. That is why it's a great fortune to have a good and understanding friend. Friendship gets a whole new meaning in boarding schools, as the bond, we share with our friends is the purest form of friendship, where we learn to share, care and accept each other for who we are. Hope rekindles the flame of bonding through friendship in boarding schools by accepting our friends as family. In life, I was once told that if you make even one true friend, you are a fortunate person. We cannot choose our family, but we can definitely choose our friends. This gives us the hope to feel comfortable, especially in a boarding school, without our family being present.

So hope and friendship go beautifully hand in hand. Fostering hope in our lives is important for our mental and emotional health.

मन मे आशा दृढ़ है कुछ अच्छा होने की

पल पल जीवन की कसौटी पर खरा उतरने  की

नये सपनों को पंख लगाये,नभ मे उड़ने की।

उम्मीदों  को पूरा कर, सच्चाई से जुड़ने की।

मन मे आशा दृढ़ है कुछ अच्छा होने की।

आशाओं और उम्मीदों से ही बना है सार्थक जीवन।

नई  रोशनी की आभा से पुलकित होता है मन।

क्या है जीवन की सच्चाई, क्यू हर पल एक चुनौती है?

उम्मीदों से ही है खुशियों का मतलब।

जो जीवन का दामन थामे आगे बढ़ती जाती है।

मन मे आशा दृढ़ है कुछ अच्छा होने की।

पल पल जीवन की कसौटी पर खरा उतरने की।।

Dynamic DGS @ The Doon Girls’ School, Dehradun - Reena Gusain , Reah Sikand, Meenakshi Panwar, Shilpika Pandey, Rachna Bhardwaj & Sumali Devgan

Humility and Appreciation - Achievers JMMS

HUMILITY 

" Never look down on anybody unless you are helping them to come up".

Humility is the quality of not thinking that you are better than others. It is humble towards everyone. It means understanding the pains, delights and needs of others and taking their problems as your own.

Humility means not drawing attention to yourself but to others. It is the attitude that you have no special importance that makes you better than others or lacks pride. For example, when we are in some competition with others and win the competition, we should say them 'good work' rather than saying you have lost.

Humility is the most important asset which can be used for self-improvement. It is helpful for inner well being. It is important to value to become a better human being.

APPRECIATION 

"Let us be grateful to the people who make us happy. They are the charming gardeners who make our souls blossom."

Appreciation means motivating someone. It understands that something is valuable and important. It is the feeling of gratitude towards someone. For example, in the class, we should use good words for children to motivate them. We should never demoralize students for anything. We should appreciate them for short things or for the short task which they do.

 विनम्रता और सराहना पर कहानी 

 यह कहानी  है एक बच्चे की जो गांव से कक्षा 5 पास कर शहर अपने चाचा जी के पास पढ़ने आया था I उस  बच्चे का नाम था रोहित I उसके चाचा जी ने उसे कक्षा 6 में दाखिला दिलाया I उसकी पढ़ाई पर बहुत ध्यान दिया घर में खुद पढ़ाया और ट्यूशन लगाई पर रोहित को कुछ भी समझ ना आता था और वह फेल हो गया I  उसके चाचा जी तथा अन्य सभी उसे कोसने लगे , डांटने लगे और उसे वापस गांव छोड़ने का मन बना लिया गया I

 वहीं पड़ोस में एक लड़की रहती थी रीना जिसका रोहित के चाचा जी के घर आना जाना था I  रीना को जब पता चला कि बच्चे को गांव भेजा जा रहा है तो उसने घरवालों को  विनम्रता से समझाया और बच्चे को खुद पढ़ाने का इरादा जताया और वादा किया कि वह बच्चे को सिखा कर रहेगी I  रोहित के चाचा जी मान गए रीना ने अपने घरेलू कामों से समय निकालकर बच्चे को पढ़ाया I  अब पढ़ाई में दिलचस्पी लेने लगा फिर रोहित  ने पीछे मुड़कर नहीं देखाI रीना की विनम्रता के कारण रोहित पर सका और आज एक सफल सॉफ्टवेयर इंजीनियर है I  आज  भी आसपास के सभी लोग रीना की सराहना करते हैं I

Achievers JMMS @ John Martyn Memorial School Salangaon - Sweta Thapli, Meena Kukreti,  Jyoti Joshi and Nisha Pundir

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