धैर्य सफलता की कुंजी - Kusum Dangi

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"धैर्य  वह सवारी है जो अपने सवार को कभी गिरने नहीं देती ना किसी के कदमों में और ना किसी की नजरों में"
 
संसार में रहते हुए अनेक कठिनाइयों तथा मुश्किल परिस्थितियों का आना   स्वाभाविक हैं। लेकिन जो इंसान अपने विवेक को धारण करते हुए धैर्य  के साथ आगे बढ़ता है वही सफलता को प्राप्त कर सकता हैं। इस संसार में अनेक प्राणी मौजूद हैं ,परन्तु मनुष्य को छोड़कर ऐसा कोई प्राणी  नहीं है जिसके पास विवेक और  सोचने की शक्ति हो सकता है I

"धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय माली सींचे सौ घड़ा ऋतु आए  फल होय "
 अर्थात  एक बीज को पौधा बनने में एवं फल देने में समय लगता हैं जिसका  हम सभी को धैर्य से इंतजार करना चाहिए अर्थात हमें कर्म  करते रहना चाहिए और धैर्य से अपने परिणाम का इंतजार करना चाहिए। हमे बच्चों को भी सीखाना चाहिए कि किसी कार्य में जल्दबाजी ना करे क्योंकि इससे वो कार्य बिगडऩे की संभावना अधिक रहती हैं।और हमे अच्छे परिणाम नहीं मिल पाते हैं। इसलिए धैर्य से हम कठिन से कठिन कार्य को सरल बना सकते हैं जिससे हम सफलता को प्राप्त कर सकते हैं।

Kusum Dangi
The Fabindia School
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