प्रशंसा - सुरेश सिंह नेगी

"प्रशंसा" शब्द बाहर से छोटा दिखता है, लेकिन अगर इसे ठीक से इस्तेमाल किया जाए तो यह कुछ भी हासिल करने में मदद कर सकता है। यह शब्द किसी को प्रेरित करने के लिए सबसे शक्तिशाली शब्द है। अगर किसी को किसी निश्चित कार्य के लिए प्रशंसा मिलती है तो वह व्यक्ति हमेशा आगे के सभी कार्यों को पूरे मन से करने की कोशिश करता है। यह शब्द नकारात्मक विचारों को सकारात्मक में बदल सकता है। इस दुनिया में हर कोई अपने कार्यों के लिए प्रशंसा प्राप्त करना पसंद करता है। 

"प्रशंसा" केवल कार्यस्थलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका उपयोग कहीं भी किया जा सकता है। अगर आपके घर में भी कोई व्यक्ति अच्छा कार्य करता है तो निश्चित रूप से उस व्यक्ति की प्रशंसा होनी चाहिए। 

इसलिए जब भी संभव हो किसी भी व्यक्ति की प्रशंसा करते रहना चाहिए, क्योंकि यह चीजों को आसान और सरल बनाने में मदद करता है। प्रशंसा केवल उसे पाने वाले पर ही नहीं, बल्कि उसे देने वाले पर भी अच्छा–खासा प्रभाव छोड़ती है। जब आप किसी की प्रशंसा करते हैं, तो आप सकारात्मक सोच रख सकते हैं, और आप अधिक से अधिक तालमेल बना सकते हैं। प्रशंसा लोगों को खुशी और आनन्द देती है। इसलिए, प्रशंसा करने में कंजूस बनने का कोई कारण नहीं है। किसी की प्रशंसा करने में समय बहुत जरूरी होता है। जैसे कि कहावत भी है कि, “लोहा गर्म है, तब मारो हथौड़ा,” जब कोई व्यक्ति प्रशंसा पाने के योग्य काम करता है, तो उसी समय और उसी जगह ही उसकी प्रशंसा करना सही है।

एक अच्छी प्रशंसा आत्मविश्वास और हिम्मत देती है। आइए हम एक दूसरे की प्रशंसा करके एक अच्छे समाज का निर्माण करें।

सुरेश सिंह नेगी
The Fabindia School
sni@fabindiaschools.in

Subscription Form

Blog Archive

Visitors