सुरेश नेगी:पढ़ना एक कौशल है


पढ़ना भाषा अधिग्रहण,संचार ,सूचना और विचारों को साझा करने का एक साधन है।

पढ़ना एक सबसे बुनियादी कौशल है जिसे एक बच्चे को अपने जीवन में सफल होने के लिए सीखने की जरूरत है। पढ़ने की अच्छी आदतें विकसित करना आप और आपके बच्चे के भविष्य के लिए न केवल शैक्षणिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में भी महत्वपूर्ण है। पढ़ने से शब्दावली का विकास होता है। कम उम्र से पढ़ने की आदतों की वजह से ही एक बच्चे के दिमाग में शब्दावली का विकास होता है पढ़ने के कारण ही बच्चे का ध्यान किसी भी विषय में लम्बे समय तक लगा रहता है, साथ ही साथ उसमें दूसरी चीजों को समझने का विकास भी होता है।

इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता है कि हमने जो कुछ भी अभी तक सीखा है वो सब पुस्तकें पढ़ने के कारण ही हुआ है। पुस्तकें पढ़ने से हमें आए दिन कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है जो हमारे ज्ञान में बढ़ोतरी करता है। पुस्तकें हमें बाहरी दुनिया से अवगत कराती है साथ ही साथ हमें सांसारिक विषयों के बारे में संवेदना हासिल करने में भी मदद करती है।

पुस्तकें पढ़ने से एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है। यह आपके आत्मविश्वास और विश्वास को बढ़ाने में मदद करता है। पढ़ने से आपका, जीवन को देखने का नजरिया भी बदल जाएगा साथ ही यह आपके सामाजिक कौशल को भी बढ़ाएगा। पढ़ने की आदत सबसे अच्छे गुणों में से एक है जो इंसान लगातार पढ़ता रहता है वो पुस्तक को अपना दोस्त समझने लगता है और अपने व्यस्त जीवन में से अपने दोस्त के लिए समय निकाल ही लेता है। अगर आप एक बार पुस्तकें पढ़ना शुरू कर देते हो तो इसे अपनी आदत बना लें क्योंकि पुस्तकें पढ़ने से मानसिक तनाव कम होता है और आप एक अच्छे मूड में रहते हैं सोने से पहले पुस्तक पढ़ने से नींद भी अच्छी आती है। लम्बी यात्रा के समय पुस्तक पढ़ने से आपको बोरियत महसूस नहीं होगी।

इसलिए आप जीवन में जितना भी व्यस्त हो अपने लिए और पुस्तकें पढ़ने क लिए समय निकालना कभी भी न भूलें।
Suresh Negi, The Fabindia School
sni4fab@gmail.com

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