जिज्ञासा ही जीवन का प्रकाश है :उषा पंवार


सफलता की कुंजी के अन्तर्गत जिज्ञासा और धैर्य भी अंग हैं। सफलता हासिल करने के लिए जिज्ञासा रुपी बीज बोना बहुत जरूरी है। हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएँ जिज्ञासा के बिना व्यर्थ है। किसी काम को सीखने के लिए, उसे पूरा करने के लिए तथा  लक्ष्य तक पहुँचने के लिए जिज्ञासा अति आवश्यक है।

हम सभी के अंदर एक जिज्ञासा होती है किसी में कम और किसी में ज्यादा। जिज्ञासा की शक्ति अनंत है। अधिकतर बच्चे जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते हैं। जो किसी वस्तु के बारे में कैसे, कौन, कहाँ से आदि जानने के लिए  उत्सुकता रखते हैं। हमारे अंदर कई तरह के विचार आते हैं उन विचारों को पूरा करने के लिए तरह तरह से कार्य करते हैं कार्य करने के लिए जिज्ञासा रूपी अस्त्र को हर समय जागृत रखना चाहिए।

शिक्षक भी कर्तव्यनिष्ठ होकर बच्चों को शिक्षण दे। शिक्षक बच्चों को गुणी निपुण बनाते हैं क्योंकि बच्चों में सीखने की अपार क्षमता होती है। शिक्षक उनके बेहतर कल के निर्माता होते हैं। छोटे बच्चों के शिक्षक बच्चों की जिज्ञासा को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। बच्चों को अनुभव करने तथा खोज करने के मौके सीखने का अधिक अवसर देते हैं यह तभी संभव होता है जब बच्चा छूने, स्वाद लेने, देखने, सूंघने और सुनने की अपने पाँचों इंद्रियों का उपयोग करके पहचान करने में उत्सुक होते हैं।

सफलता उसी को मिलती है जो अपने लक्ष्य का निर्धारण करता है और रास्ते में आने वाली हर कठिनाइयों का  सामना करता है। धैर्य से हर लक्ष्य प्राप्ति में सफलता सुनिश्चित करता है। किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उतावला ना होकर जो धैर्य पूर्वक, दृढ़ता पूर्वक धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं वे अवश्य सफल होते हैं। इसके विपरीत जो व्यक्ति छलांग लगाकर जल्दी ही लक्ष्य प्राप्त करने की जल्दी बाजी करते हैं वह हमेशा असफल रह कर उपहास के पात्र बन जाते हैं। शिक्षा का उद्देश्य महज किताबी ज्ञान देना ही नहीं है शिक्षा सीखने का वह जरिया है जो बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करता है और यही जिज्ञासा एक दिन उन्हें अन्वेषण की दुनिया में ले जाती है जिज्ञासा जिस काम को शुरू करने और उसे पूरा करने की होती है और पूरा होने पर बहुत खुशी मिलती है। जिज्ञासा बाल्यावस्था से वृद्धावस्था तक अनंत होती है। इस पर एक कविता:-
जिज्ञासा बाल मन की होती है बड़ी प्यारी,
हर बात पर सवालों की होती है गोलीबारी,
यह क्या है? यह कैसे होता है? इससे क्या होता है?
ऐसे हजारों सवाल किसके पास जाए ,किससे पूछें
उनके लिए तो नया है सब कुछ
सारा संसार एक खुली किताब हो जैसे
अनोखी उनकी ज्ञान पिपासा,
बाल मन की भोली जिज्ञासा।। 
Usha Panwar
The Fabindia School, Bali

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