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स्तर और प्रेम - Jyoti Tadiyal

  परियोजना कार्य  11 - स्तर और प्रेम

मनुष्य स्वयं में अनेक गुणों की खान है परंतु सभी मनुष्यों में इस योग्यता का स्तर भिन्न भिन्न है। यह भिन्नता प्रत्येक को अलग व्यक्तित्व पहचान देती है। विद्यार्थी भी ऐसे ही अलग अलग गुण योग्यता से भरे होते हैं जो उनकी विशिष्ट पहचान होती है।


परिस्थिति

कक्षा कक्ष में विद्यार्थी द्वारा कक्षा कार्य गृह कार्य में लापरवाही दिखाना।

इस प्रकार के विद्यार्थी प्रायः कक्षा में होते हैं जिनमें कार्य कोकर लेंगे” ऐसी प्रवृत्ति होती है, यद्यपि ये कार्य तो पूरा करते हैं परंतु यथा समय और उचित प्रकार से नहीं। जब ऐसे विद्यार्थियों के साथ कार्य करते हैं तो
सर्वप्रथम दिमाग में यही विचार आता है कि किस प्रकार इनका सर्वोत्तम निकलवाया जाए और जो कार्य ये करेंगे वे केवलरटन्त हो कुछ सकारात्मक हो, जिससे विद्यार्थी कुछ सीख लें। ऐसी परिस्थिति में मैं लिखने से ज्यादा समझने पर ज़ोर देती हूं। आवश्यक नहीं मैं उनसे उतना कार्य अपेक्षित रखूं जितना बाकी विद्यार्थी करते करते हैं कार्य पूरा करने पर इनका उत्साहवर्धन प्रोत्साहन किया जाए ऐसा मेरे द्वारा प्रयास रहा। अंततोगत्वा परिणाम सकारात्मक रहे और विद्यार्थी में परिवर्तन देखा गया।


परिस्थिति

प्रेम प्रकृति में सर्वत्र व्याप्त है।प्रत्येक जीवधारी इसे अनुभव करता है। घर, परिवार, विद्यालय सभी जगह प्रेम व्याप्त है और कोई भी इससे अछूता नहीं रह सकता। विद्यालय में जहां सह शिक्षा व्याप्त होती है कभी कभी विद्यार्थियों के मध्य इस प्रकार की भावनाएं बलवती हो उठती हैं। वे परस्पर प्रेम लगाव को अनुभव करते हैं। मेरे समक्ष भी इस प्रकार की परिस्थिति गई। इस पर सर्वप्रथम मेरी कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं रही। मैंने इसे कोई इस प्रकार नहीं लिया मानो आसमान टूट पड़ा हो या धरती हिल उठी हो। सर्वप्रथम दोनों विद्यार्थियों के साथ मेरा व्यवहार सहज ही रहा कोई परिवर्तन मैंने उसमें नहीं किया। 


दूसरी बात उन्हें भी सबके समक्ष असहज अनुभव नहीं होने दिया। सही अवसर समय पर दोनों को साथ बैठाकर यह समझाया कि इस समय दोनों के लिए आवश्यक क्या है? इस समय किसे और क्यों प्राथमिकता देनी है? माता पिता परिवार की उनसे क्या अपेक्षाएं हैं, उन पर वे कितना विश्वास करते हैं, उन्हें माता पिता के सपनों को साकार करना है, जीवन में सफ़ल बनना है। इस प्रकार समय समय पर उन्हें समझाया गया साथ ही कोशिश की गई व्यवहार को सामान्य रखने की। कुछ समय बीतने पर परिणाम सामने आए परिस्थिति थोड़ी बदली दोनों का व्यवहार भी सुधर गया। इस तरह दोनों ही समय व्यवहार को सहज रखा गया। प्रेम की शक्ति अदभुद होती है प्रेम द्वारा कठिन से कठिन समस्या भी सुलझ जाती है।

Jyoti Tadiyal
The Doon Girls' School Dehradun

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