कुसुम डांगी: बोलना

बोलना  सबसे  महत्वपूर्ण  है , इसके  जरिए हम  अपनी  सोच और ज्ञान को दूसरों तक  पहुँचा सकते हैं, अर्थात  आगे वाले  को  बहुत  अच्छे  से समझा  सकते  हैं।

कभी -कभी  कोई  बात  हमें  समझ  नहीं  आती या  हमारे विचार  किसी की  बात  से  सहमत  नहीं  होते  है तो  हम  बोलकर  आगे  वाले व्यक्ति  को  समझा  सकते  है  लेकिन  सबसे  जरूरी  है  बोलने  से  पहले  सुनना कि  आगे  वाला क्या  बोलना  चाहता  है  और उसके  विचार  क्या  है ?

हमेशा  बोलने  से पहले  सुनना बहुत फायदेमंद  होता है।  इससे  ज्ञान  बढ़ता  है क्योंकि  हो सकता  है  आगे  वाला  व्यक्ति  किसी  बात का जानकर  ज्यादा  हो  इसलिए  जरूरत  के  हिसाब  से  अर्थात हमेशा  उचित  बोलना  चाहिए । बच्चों   को पुस्तकें नियमित  रूप  से जोर  से  उच्चारण  करके  पढ़ना  चाहिए  इससे   उच्चारण  को  स्पष्ट  किया  जा  सकता  है।

छोटे बच्चों  को  हम  कविता  तथा  लय  के साथ  कुछ  भी जल्दी  सीखा  सकते  है इससे  वो जल्दी  सीख सकते  हैं।  छोटे बच्चों  के  सामने  हमेशा  स्पष्ट  व  उचित उच्चारण  करना  चाहिए  क्योंकि  जैसा  हम  बोलते  हैं  वो  वैसा ही ग्रहण करते हैं इसलिए   हमेशा  सोच-समझकर और स्पष्ट बोलना आवश्यक है। 

Kusum Dangi, The Fabindia School

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