विश्व फोटोग्राफी दिवस 19 अगस्त - Aysha Tak

फ्रांसीसी वैज्ञानिक आर्गो की फ्रेंच अकादमी ऑफ साइंस के लिए लिखी गई एक रिपोर्ट को तत्कालीन फ्रांस सरकार ने खरीदकर 19 अगस्त 1939 को आम लोगों के लिए फ्री घोषित कर दिया था। इसी उपलब्धि की याद में 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ,आधिकारिक तौर पर इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी । यह दिन उन फ़ोटोग्राफ़रों को समर्पित होता है जो किसी खास पल और खूबसूरत चीजों को कैमरे में कैद कर उन्हें यादगार बना देते है। 


विश्व के बहुत से फ़ोटोग्राफ़रों ने फोटोग्राफी की इस दुनिया में अपना एक अलग मुकाम बनाया है और उन्हें इस मुकाम से धन और शोहरत दोनों खूब मिले हैं। लोगों ने उनके काम को बहुत सराहना दी है। अच्छी फोटोग्राफ और विडियो बनाने के लिए फोटोग्राफर को काफी ज्यादा दिमाग लगाना पड़ता है। उसको फोटो या विडियो बनाने के लिए सही दिशा का चुनाव ,एक बेहतर कोण ,कंट्रास्ट एवं ब्राइटनेस के साथ - साथ बहुत कुछ देखकर काम करना पड़ता है। 

विश्व फोटोग्राफी दिवस का उद्देश्य पूरे विश्व में फोटोग्राफर्स को एक सरल उद्देश्य के साथ में फोटो साझा करने के लिए प्रेरित करना है। इसे अपनी दुनिया को दुनिया के साथ में साझा करना कहते हैं। किसी पल को अगर अमर करना हो तो उसे तस्वीरों में कैद कर लो। तस्वीरें किसी के प्रति आपकी भावनाओं का भी हाल बताती हैं। इंसान के पास जब इतने हाईटेक कैमरे नहीं थे , तब भी वह तस्वीरें बनाता था।
चित्र बनाना इंसान के लिए अपनी रचनात्मकता की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम रहा है। प्राचीन गुफाओं में बनाए गए भित्ति चित्र इस बात के गवाह हैं। इनके जरिए वह आने वाली पीढ़ियों के लिए बेश्कीमती सौगात छोड़ गया है। बाद में जब कैमरे का आविष्कार हुआ, तो फोटोग्राफी भी इंसान के लिए अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करने का एक माध्यम बन गया। कुछ बातें जो हम बोल कर नहीं समझा पाते हैं , वह तस्वीरों के द्वारा आसानी से समझाई जा सकती हैं।

एक तस्वीर उन तमाम भावनाओं को व्यक्त करने का दम रखती है , जिन्हें हजार शब्द भी बयां नहीं कर पाते है। कुछ तस्वीरें ऐसी होती है जो कि कभी न भूलने वाली होती हैं , उनकी छवि हमारे दिल व दिमाग पर अपनी अमिट छाप छोड़ जाती है।इन कभी न भूलने वाली तस्वीरों में करुणा , उल्लास ,आक्रोश ,दर्द और शोक नज़र आता है। कुछ तस्वीरें जो सिर्फ यादगार तस्वीरें ही नहीं बल्कि इतिहास के पन्नों में दर्ज तारीखें बन जाती हैं। 

Ayasha Tak 
The Fabindia School
atk@fabindiaschools.in 

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