Thursday, April 17, 2025

Impressionism - एक प्रभाव

 तारे , यूँ ही नहीं चमकते

 इस आकाश, में,

कहीं न कहीं , 

हर टूटते तारे के साथ,

कोई न कोई 

 अपनी इच्छा बताता होगा।

अलग लकीरें, अलग हैं रंग,

कुछ अलग ही कहानी,

 कहती है हर  कलम 

 संगीत , कला, साहित्य 

 का संगम ,

हर कोई देखता है,

अपने तरीके से

हर रचना कहीं 

न कहीं दिखाती है ,

एक प्रभाव, हर देखने

वाले पर 

जो उस रचना के साथ,

रचनाकार के

जीवन को भी

जी आता है ,

कुछ पलों के लिए ,

और समेट लेता,

किसी और के

सपनों को 

अपनी आँखों में ।।

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Dear Sir and Ma'am

I wrote some lines on today's session.

That session was wonderful. I tried to conclude with a poem, I hope you will like it.

SUMAN SINGH

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