"गलतियाँ हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकार करने का साहस हो।"
इस पाठ से मैंने सीखा है कि जीवन में कोई इंसान ऐसा नहीं है जिससे गलती न होती हो। हर इंसान से गलती होती है।
परंतु हमें अपने जीवन में किसी भी कार्य या उन्नति को हासिल करने के लिए, अपनी की हुई गलती को लेकर कभी निराश नहीं होना चाहिए। हमें कभी भी अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटना चाहिए और अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए।
तथा अपनी गलतियों में सुधार कर, अपने जीवन में आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
"इंसान की फितरत है
दूसरों की गलतियाँ निकालना,
अपनी गलतियों को छिपाना,
फिरअपनी गलतियों पर पछताना!"
बहुत मुश्किल होता है, अपनी कमियों को दिल से स्वीकार कर पाना। क्योंकि कहीं ना कहीं हमारा अहंकार हमें स्वीकार करने नहीं देता है। हम कभी भी अपनी गलतियों या कमियों को स्वीकार नहीं कर पाते। परन्तु दिल से जान सब जाते हैं। फिर चाहे कोई भी इंसान हमारा कितना ही अपना क्यों न हो, उसके कहने पर भी हम अपनी कमियों को स्वीकार नहीं पाते। क्योंकि सब अपने बारे में यही सोचते हैं कि मैं कभी कोई गलती नहीं कर सकता और ना ही मुझमें कोई कमी है। बस यही अहंकार सबके सामने आ जाता है। इसी वजह से कोई अपनी कमियों को स्वीकार नहीं कर पाता है।
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