कोरोना काल मे शिक्षा का स्वरूप और प्रभाव- कुसुम डांगी

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हमारा देश डिजिटल युग में काफी पहले की प्रवेश कर चुका हैं। लेकिन कोरोना काल में इसमें काफी बढ़ोतरी हुई हैं। कोरोना काल के दौरान देशभर में हुए लॉकडाउन ने शिक्षा का पूरा स्वरूप ही बदल दिया हैं। जो बच्चे कल तक बैग लेकर विद्यालय जा रहे थे वे सब आज घर पर रहकर न सिर्फ ऑनलाइन पढाई कर रहे हैं बल्कि वे घर बैठे ही परीक्षा देने के साथ ही अपनी उपस्थिति भी दर्ज करा रहे हैं।

लेकिन दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से काफी वंचित रह रहे हैं क्योंकि न तो उनके पास ऑनलाइन पढ़ने के साधन हैं और न गाँवों में नेटवर्क की उचित व्यवस्था हैं तथा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले वंचित समुदाय के बच्चों के लिए पर्याप्त साधन और इंटरनेट डाटा जुटाना मुश्किल हो जाता हैं। ऐसी परिस्थिति में देश का एक भाग शिक्षा से वंचित रह जाएगा। हमारा देश प्रगति कैसे कर पाएगा, यह विचारणीय है। 

जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है और जो इंटरनेट एक्सेस नहीं कर सकते स्थानीय प्रशासन की तरफ से ऐसे परिवार के बच्चों को छोटा-मोटा एजुकेशन किट बनाकर देना चाहिए जो उनके घर जाकर दिया जाए ताकि कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे और सबको शिक्षा के अवसर मिलते रहे। किसी न किसी माध्यम से ऐसे बच्चों की मदद की जानी चाहिए।

Kusum Dangi
The fabindia School
kdi@fabindiaschools.in


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