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एकता और देखभाल - रेनू खंडूरी

एकता और देखभाल एकता में शक्ति होती है, ये हम बचपन से आज तक सुनते आयें हैं ।अच्छी सोच की एकजुटता से किया गया कार्य हमेशा सफल होता है और गलत सोच की एकता आपको नुकसान पहुंँचा सकती है ।जब हम किसी कार्य को अकेले करते हैं तो वह कार्य उतना अच्छा नहीं होता जितना हम उसे किसी के साथ मिलकर करते हैं । हमारे हाथ की पाँचों उँगलियाँ अलग-अलग हैं और अलग -अलग वह इतनी शक्तिशाली नहीं हैं परन्तु जब पाँचों उँगलियाँ मिलकर मुठ्ठी बनाती हैं तो यह बहुत शक्तिशाली हो जाती है, फिर ये किसी भी कार्य को कर लेती हैं। एकता के साथ देखभाल का गुण स्वयं ही आता है।हम एक दूसरे की मदद करते हैं ,एक दूसरे की चिन्ता करते हैं अपने हाथ को ही देख लो ,अगर किसी एक ऊँगली को चोट लगती है तो बाकी चार उँगलियाँ उसका ध्यान रखती हैं उसके कार्य को आपस में मिल कर पूरा कर देती हैं । हमें भी मिलजुल कर रहना चाहिए और एक दूसरे की मदद करनी चाहिए । तभी एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकता है । एक दूसरे की मदद करने उसकी देखभाल करने में जो आत्म संतुष्टि मिलती है वो शायद ही किसी और चीज से मिले । 

ऋग्वेद के अनुसार : संगच्छध्वं संवदध्वं , सं वो मनांसि जानताम् । देवा भागं यथा पूर्वे ,सञ्जानाना उपासते ।। 

हम सब एक साथ चलें ,एक साथ बोलें हमारे मन्न एक हों, प्राचीन समय मे देवताओं का ऐसा आचरण रहा है इसी कारण वो वंदनीय हैं ।                                                                                                                                                 

रेनू खंडूरी
The Doon Girls' School, Dehradun


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