राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान ‌"-- उषा पंवार

भारत एक महान देश है । यह ऋषि-मुनियों ,महापुरुषों का देश है । वीरांगनाओं की भूमि है यह राम, कृष्णा, बुद्ध, गांधी की जन्मभूमि है। भारत के वीर सपूत मातृभूमि व देश प्रेम की बलिवेदी को अपने खून से रंग कर स्वतंत्रता संग्राम के महान यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति चढ़ाकर मातृभूमि के बंधन तोड़े और उन्हें स्वतंत्र कर अपने कर्तव्य निष्ठा तथा देश प्रेम का परिचय दिया।

"चाहे जो हो धर्म तुम्हारा, चाहे जो वादी हो,
नहीं जी रहे अगर देश हित में तो निश्चय ही अपराधी हो"

भारत एक प्रभु सत्ता संपन्न राष्ट्र है । देश के उज्जवल भविष्य का एकमात्र आशा केंद्र आज के विद्यार्थी हैं। नवभारत के निर्माता देश के भाग्य विधाता छात्र हैं जो आज स्कूलों व कॉलेजों की चारदीवारी के अंदर अपने सामाजिक जीवन के प्रासाद की नींव जमा रहे हैं। भारत के भावी जीवन की नैया के कर्णधार ,जन गण  उन्नायक, भविष्य के शिलाधार, तुम्हें देश को महान बनाना है।

देश के प्रति बालक बालिकाओं का कर्तव्य है कि ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए उत्तम शिक्षा के द्वारा बौद्धिक, मानसिक विकास करने के लिए प्रयत्न शील हो। महापुरुषों के जीवन चरित्र से शिक्षा तथा प्रेरणा प्राप्त करें। विद्यार्थी का लक्ष्य सदा ऊंचा होना चाहिए । विद्यार्थियों को सुयोग्य मार्गदर्शक की आवश्यकता है ।स्वतंत्र भारत के विद्यार्थी को अनुशासित वह आत्म संस्कार भी होना आवश्यक है।आदर्श नागरिक के निर्माण के कार्य में माता पिता तथा शिक्षकों का भी महान दायित्व है। यदि वे उत्तम शिक्षा की व्यवस्था करें तो बालक बालिकाओं के सामने महान आदर्श प्रस्तुत करें तो निसंदेह इन्हीं छात्रों में से बुद्ध और गांधी, व्यास, वाल्मीकि ,राणा प्रताप, शिवाजी जैसे नेता जी सुभाष चंद्र और भगत सिंह जैसे देशभक्त और लक्ष्मी बाई जैसी वीरांगनाओं का उदय हो सकता है।

"भारत माता की जय"

उषा पंवार
upr@fabindiaschools.in
The Fabindia School

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