– साक्षी खन्ना
"जीवन में सफलता का राज है, संघर्ष को हर दिन नई ऊँचाइयों की ओर धकेलना।"
यह पाठ हमें यह सिखाता है कि जीवन में किसी भी पेशे या करियर को चुनते समय सबसे ज़रूरी बात है — अपनी रुचि। जब हम वही कार्य करते हैं जिसमें हमारी रुचि होती है, तो हम उसे मन लगाकर करते हैं और उसमें सफलता पाने की संभावना बढ़ जाती है। यह पाठ यह भी समझाता है कि समाज और परिवार की अपेक्षाएँ ज़रूरी हो सकती हैं, लेकिन हमें अपने अंदर की आवाज़ को भी सुनना चाहिए।
मुझे यह पाठ प्रेरणादायक लगा क्योंकि यह हमें आत्म-विश्लेषण करने की प्रेरणा देता है। अब मैं समझ सकी हूँ कि केवल पैसा या प्रसिद्धि लंबे समय तक ख़ुशी नहीं दे सकते। असली संतोष और सफलता तभी मिलती है जब हम अपनी रुचि के कार्य करें।
यह पाठ हर विद्यार्थी के लिए मार्गदर्शक की तरह है जो अपने भविष्य के बारे में सोच रहा है।
"रुचि को राह दिखी, फिर से चेहरे पर मुस्कुराहट आई।"
"जिसमें हो दिल की लगन, वही बने जीवन का चयन!"
पाठ "अपनी रुचि के अनुसार व्यवसाय चुनो" ने मुझे यह सोचने पर मजबूर किया कि हम अपने जीवन का रास्ता चुनते समय दूसरों की अपेक्षाओं से अधिक अपने मन की आवाज़ क्यों नहीं सुनते। यह पाठ हमें यह समझाता है कि हर व्यक्ति के अंदर कोई न कोई विशेष प्रतिभा और रुचि होती है, और यदि हम उसी दिशा में कार्य करें जिसमें हमारा मन रमता है, तो हम न केवल सफलता पा सकते हैं, बल्कि ख़ुशी और संतुष्टि का भी अनुभव करते हैं।
समाज में अक्सर यह देखा गया है कि बच्चे अपने माता-पिता या समाज के दबाव में आकर कोई ऐसा व्यवसाय चुन लेते हैं, जिसमें उनकी कोई रुचि नहीं होती। इसका परिणाम यह होता है कि वे जीवन भर उस काम को बोझ समझकर करते हैं। जबकि यदि वही बच्चा अपनी रुचि के अनुसार व्यवसाय चुने — चाहे वह संगीतकार बनना चाहे, शिक्षक, वैज्ञानिक, खिलाड़ी या फिर कोई कलाकार — तो वह पूरे मन और उत्साह से अपने कार्य को करता है।
हर व्यक्ति की अपनी अलग-अलग रुचियाँ और क्षमताएँ होती हैं। अगर हम अपने शौक और रुचियों के अनुसार व्यवसाय चुनते हैं, तो न केवल सफलता, बल्कि ख़ुशी और संतुष्टि भी पा सकते हैं। रुचि से किया गया काम बोझ नहीं लगता, बल्कि प्रेरणा देता है। इसलिए व्यवसाय चुनने से पहले अपनी रुचियों को पहचानना और उसी क्षेत्र में करियर बनाना बुद्धिमानी है।
हमें वही व्यवसाय चुनना चाहिए जिसमें हमारी रुचि हो। रुचि अनुसार किया गया काम ख़ुशी देता है और सफलता भी। इससे जीवन में संतोष और तरक़्क़ी दोनों मिलती है।
-ललिता पाल
एक व्यक्ति का जीवन कई विकल्पों से भरा होता है, खासकर तब जब वह अपना भविष्य बना रहा होता है। किसी का पेशा या काम और करियर चुनना जीवन का एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, जो न केवल हमारी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि हमारी मानसिक संतुष्टि और जीवन की गुणवत्ता को भी निर्धारित करता है। इसलिए, यह ज़रूरी है कि हम अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार अपना पेशा चुनें।
जब हम अपनी रुचि के अनुसार काम करते हैं, तो हमें थकान महसूस नहीं होती, बल्कि उस काम को करने में मज़ा आता है, क्योंकि तब काम एक ज़िम्मेदारी नहीं रह जाता, बल्कि यह एक उत्सव बन जाता है। इससे व्यक्ति अधिक आत्मविश्वासी और रचनात्मक बनता है, जिससे सफलता की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, अगर हम दबाव में या केवल आर्थिक लाभ के लिए कोई ऐसा काम चुनते हैं, जिसमें हमारी रुचि नहीं है, तो वह समय के साथ बोझ बन सकता है।
इसलिए ज़रूरी है कि हम अपने मन के अंदर झाँककर अपनी रुचियों, योग्यताओं और सपनों को पहचानें और उसी के आधार पर अपना व्यवसाय और करियर चुनें।
"रास्ते कितने भी कठिन क्यों न हों, अगर इरादे पक्के हैं तो मंज़िल ज़रूर मिलती है।"
इंसान कोई भी हो, व्यवसाय की ज़रूरत सबको होती है। इसलिए कोई भी काम हो, उसमें रुचि रखना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि व्यवसाय जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर किसी काम में हमारी रुचि होती है, तो हम उस काम को बहुत अच्छे से करते हैं। जो भी कार्य हम करें, उसमें रुचि होना आवश्यक है।
व्यवसाय कुछ भी हो, हर कोशिश में सफलता नहीं मिलती — लेकिन हर सफलता का कारण कोशिश ही होती है। इसलिए हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और अपनी रुचि के अनुसार कार्य करते रहना चाहिए।
— सिमरन कौर
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