Thursday, May 29, 2025

संवेदना: दिल की निःशब्द भाषा - Lalita Pal

 

"Compassion is a voice of heart, Gentle caring, precious art.
It feels the tears behind a smile 🙂 And walks with each heavy mile." 😊

जब कभी हमें ज़िंदगी में किसी भी प्रकार से किसी दूसरे के दर्द या दुःख में अपने आप भी दर्द महसूस होता है,
और हम चाहते हैं कि हम उनके दुःख को कैसे कम करें — और हम प्रयास करते हैं कि उनके दुःख को कम करने में कामयाब हो सकें, तो वही संवेदना कहलाती है।

संवेदना हमें यह सिखाती है कि किसी का मज़ाक उड़ाने या तिरस्कार करने के बजाय, हमें उनके दुःख और पीड़ा को समझना चाहिए। किसी उदास चेहरे पर मुस्कान लाना, या किसी की परेशानी में उसका सहारा बनना — यही संवेदना है।

If every person awakens sensitivity within themselves, then this world can become more beautiful and harmonious.

हमें हमेशा यह प्रयास करना चाहिए कि हम संवेदनशील बनें, दूसरों की भावनाओं का आदर करें,
और जहाँ भी संभव हो, अपने छोटे-छोटे प्रयासों से किसी के जीवन में खुशियाँ ला सकें — यही सबसे बड़ी संवेदना है।

संवेदना एक ऐसी मानवीय अनुभूति है, जो हमें दूसरों के दुःख, दर्द, सुख और भावनाओं से जोड़ने की शक्ति देती है। यह वह गुण है जो हमें सिखाता है कि जब हम किसी के दुःख को महसूस करते हैं, उनकी परिस्थिति को समझते हैं, और उनके लिए कुछ अच्छा करने की इच्छा रखते हैं — तो वही संवेदना कहलाती है।

"Empathy is a silent language that the heart understands."

- Lalita Pal

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