जब हम किसी की तकलीफ़ को समझते हैं और उसकी मदद करना चाहते हैं, वहीं संवेदना कहलाती है।
अगर कोई बच्चा गिर जाता है, या कोई जानवर बीमार हो जाए या उसे चोट लग जाए, तो हमें उस जानवर की मदद करनी चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए। ऐसा करने से इंसान महान और संवेदनशील कहलाता है।
समाज में अगर हम सभी एक-दूसरे के लिए संवेदनशील हो जाएँ और सब एक-दूसरे की मदद करें, तो इससे एकता बनी रहेगी और बहुत-सी समस्याएँ अपने आप खत्म हो जाएँगी।
Savendna is not weakness, it is strength. यह इंसान को महान बनाती है। हमें अपने कार्यों से समय निकालकर दूसरों की भावनाओं को समझना चाहिए और जहाँ किसी को हमारी ज़रूरत हो, वहाँ मदद के लिए आगे आना चाहिए। इसी तरह हम एक अच्छे नागरिक और अच्छे इंसान बनते हैं।
"When someone is in trouble, one should not give him big sermons, but rather give him small help. Such help is better than big sermons."
— साक्षी खन्ना
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