जो अपने कदमों की काबिलियत पर विश्वास रखते हैं, वो ही अक्सर मंज़िल पर पहुंचते हैं।
"We should help others and understand others' feelings."
जब हम किसी का भला करते हैं, तो ईश्वर भी हमारा भला करते हैं।
जैसे कि इस पाठ में एक नन्ही सी लड़की ने अपने सिर के बाल मुंडवा लिए थे। उसके माता-पिता को भी नहीं पता था कि उसने ऐसा क्यों किया। उन्होंने उसे बहुत समझाया कि "बेटा, अपने बाल क्यों मुंडवा रही हो?" पर उस नन्ही लड़की ने अपने माता-पिता को कुछ नहीं बताया और चुपचाप सिर के बाल मुंडवा लिए। आखिरकार, उसकी ज़िद के आगे माता-पिता हार गए और बोले, "बेटा, अगर तुम्हें यही करना है, तो कर लो।"
अगले दिन जब वे उसे स्कूल छोड़ने गए, तो उन्होंने देखा कि एक लड़के ने भी अपने सिर के बाल मुंडवाए हुए थे।
लड़की के पिता सोचने लगे कि शायद यह कोई नया फैशन है।
तभी उस लड़के की माता उस नन्ही लड़की के पिता के पास आईं और बोलीं: "आपकी बेटी बहुत ही समझदार और सुशील है। इतनी छोटी उम्र में भी वह दूसरों के बारे में सोचती है।"
फिर उन्होंने बताया कि उनके बेटे को कैंसर है, और उसकी कीमोथेरेपी के कारण उसके सारे बाल झड़ गए थे।
वह स्कूल आने में हिचकिचाता था और बच्चे उसका मज़ाक उड़ाते थे। लेकिन आपकी बेटी ने उसे समझाया और कहा कि वह रोज़ स्कूल आए।
उसकी बात सुनने के बाद वह लड़का रोज़ स्कूल आने लगा। यह जानकर लड़की के पिता को बहुत प्रशंसा और गर्व महसूस हुआ कि उनकी बेटी कितनी दयालु है, जो दूसरों की भावनाओं को समझती है और उनके लिए सोचती है।
ईश्वर ने उसे सचमुच बहुत अच्छा बनाया है।
हमें इस पाठ से यह शिक्षा मिलती है कि हम दूसरों की किस प्रकार मदद कर सकते हैं।
— रूबल कौर
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