कोविड -19 के समय में मेरी यात्रा:सुरेश सिंह नेगी

 इस तथ्य से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि कोरोनावायरस महामारी ने हमारी दुनिया को पूरी तरह से बदल कर  रख दिया है। इस महामारी को रोकने के लिए कई राज्यों  ने लॉकडाउन का सहारा लिया, जिसमें मूलभूत आवश्यकताओं की  चीजों को छोड़कर सभी दुकानों को बंद कर दिया गया। साथ ही  साथ इनको खोलने का समय भी निर्धारित कर  दिया गया; जिनका पालन सभी दुकानदारों को करना  था। लेकिन इसके बावजूद भी स्थिति में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। इस स्थिति को काबू करने के लिए कई राज्यों ने सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाने का निश्चय किया जिसमें राजस्थान सरकार ने 10 मई से 24 मई का समय निर्धारित किया। स्थिति ज्यादा खराब होने के कारण मुझे घर सबसे सुरक्षित विकल्प की तरह लग रहा था। जिसके लिए अपनी यात्रा शुरू करने से पहले मैंने बहुत लोगों से यात्रा के बारे में सलाह ली जहाँ कुछ यात्रा के पक्ष में थे तो कुछ नहीं। सबसे सलाह लेने के बाद मैंने यात्रा करना ही सही समझा। आमतौर पर जब हम यात्रा  करते हैं तो उसकी तैयारी काफी पहले से कर लेते हैं। जब परिवार  के साथ  करना हो तो और ज्यादा ध्यान देना पड़ता है। आजकल कोरोना वायरस का खतरा हर जगह मंडरा रहा है और इससे बचने के लिए लोग कहीं बाहर नहीं जा रहे हैं। लेकिन अगर आपको किसी ख़ास वजह से परिवार के साथ या फिर अकेले यात्रा करनी है तो आपको कुछ बातों का ध्यान विशेष रूप से रखना पड़ेगा

जिसके लिए मैंने जरूरी सूचनाएँ एकत्रित करनी शुरू  दी। जिसमें सबसे पहले एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए आपके पास 72 (बहत्तर) घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव की रिपोर्ट का होना जरूरी था, जो कि मेरे पास नहीं थी। इसके लिए मैंने आरोग्य सेतु ऐप अपने फोन में डाउनलोड किया और उसमे अपने बारे में पूरी सूचना सही-सही से भर  दी इसके साथ ही साथ ही मुझे उत्तराखंड पोर्टल में भी पंजीकरण करना था और इसके लिए मुझे मेरी यात्रा का विवरण देना था जिसमें यात्रा करने का कारण, जगह जहाँ आप जा रहे हो, यात्रा करने का दिन, यात्रा करने का तरीका आदि सूचनाएँ थी। सारी सूचनाएँ एकत्रित करने का बाद मैंने उत्तराखंड पोर्टल में भी पंजीकरण कर दिया ताकि मुझे यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़े।  


मैंने अपनी ज्यादातर यात्रा रेलगाड़ी से की जिसमें मैंने कोविड -19 के सभी नियमो का सही तरीके से पालन किया।  इसके बाद मैंने बाकी की यात्रा मैक्स से की जिसमें वाहन चालक ने भी सभी नियमों का अच्छी तरह से पालन किया, जिस कारण से मै सही रूप से अपने गन्तव्य तक पहुँच सका। अंत में, मैं उन सभी  का धन्यवाद प्रदान करता हूँ जिन्होंने इस कठिन परिस्थितियों में मेरी किसी किसी रूप में मदद की।   

Suresh Singh Negi 
The Fabindia School, Bali
sni@fabindiaschools.in

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