कोरोनावायरस की दूसरी लहर - राजेश्वरी राठौड़

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भारत में कोरोना महामारी को एक साल से अधिक समय हो चुका है। भारत में कोरोना महामारी ने सभी लोगों को हिला कर रख दियाहै। जब पहली बार कोरोना महामारी आई तब 21 मार्च 2020 को संपूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है। हमने सोचा यह महामारी कुछ समय रहेगी बीच में थोड़े से हालात सही  हुए है । 

सीनियर कक्षा की स्कूल  खुली सभी विभागों में थोड़ा -थोड़ा काम होने लगा और कोरोना जैसी महामारी की दूसरी लहर आ गई। जब यह महामारी पहली बार आई तब सर्दी जुकाम व बुखार के लक्षण बताए गए। इसके नियम भी बताए गए- सोशल डिस्टेंस रखो, मास्क लगाओ, हाथों को बार-बार में धोना ,सैनिटाइजर करना सभी नियमों का पालन किया गया।लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर मे सांस फूलना व दम घुटना सीधा  फेफड़ों पर असर होकर मनुष्य की मृत्यु हो जाना ।इससे लोगों को पूरी तरह डरा दिया है जन हानी बहुत हो रही है।

सरकार द्वारा चलाया गया अभियान टिकाकरण जनवरी महीने से लोगों के वैक्सिंग लगना शुरू हो गया ।टीकाकरण को 3 महीने हो गए लोग टीका लगवा रहे हैं सोशल डिस्टेंस रख रहे हैं फिर भी सावधानियां रखते हुए भी  महामारी दिन प्रतिदिन संक्रामक होती जा रही है। अतः इसका बचाव का उपाय करें घरों के भीतर मास्क पहनना शुरू करें लेकिन संक्रमण जिस तरह चल रहा है उसे देखते हुए यदि हम घर के भीतर किसी के भी पास बैठे हैं तब भी हम मास्क पहने थोड़ा सोशल डिस्टेंस रखें और खाने में स्वास्थ्य वर्धक चीजे ले। शरीर स्वस्थ है तो सब कुछ ठीक है इसलिए सभी को अपने अपने स्वास्थ्य का पूर्ण रूप से ध्यान रखना है और अपने परिवार का वह अपने परिजनों व मित्रों का भी ख्याल रखना है और नियमों का पालन पूर्ण रूप से करना है । तभी कोरोना जैसी महामारी से हम बच सकते हैं।

राजेश्वरी राठौड़
The Fabindia School
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