जब कोई अपना मन, वचन और काया को दूसरों की सेवा के लिए उपयोग करता है, तब उसे सब कुछ मिल जाता है। उसे सांसारिक सुख-सुविधा की कमी कभी नहीं होती। जब हम दूसरों के लिए कुछ करते हैं, उसी पल खुशी की शुरुआत हो जाती हैं। दूसरों की मदद करने और उनके प्रति दया दिखाने से हमें एक संतुष्टि की भावना मिलती है और जो भी हम देते हैं वह जल्द ही हमारे पास बहुतायत में आ जाता है।
हमें उन लोगों की भी सहायता करने की आवश्यकता है जो हर समय हमारे साथ रहना पसंद करते हैं। हमें उन्हें अपने ऊपर आश्रित नहीं बनाना चाहते है। हमें दूसरों की सहायता इस ढंग से करने का प्रयास करना चाहिए कि वह उनके लिए उपयुक्त हो। यदि कोई हमसे आग्रह करता है कि हम उसे कोई चीज़ सिखाएँ, तो भले ही वह कार्य हमारी पसंद का कार्य न हो, तब भी यदि वह कार्य उस व्यक्ति के लिए उपयुक्त है तो हमें उस व्यक्ति को सिखाने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए। सबसे अच्छी सहायता वह होगी जहाँ उनके लिए ऐसी स्थितियाँ और साधन उपलब्ध कराए जाए जहाँ वे जीवन में आगे बढ़ने और खुद अपना खयाल रखने के काबिल बन सकें।
Jaffer Khan
The Fabindia School, Bali
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