जीवन में एक दूसरे की चिंता करना और देखभाल करना, ख्याल रखना बहुत मायने रखता है। चाहे कोई व्यक्ति हमारे परिवार का हो या ना हो हमें हर किसी के बारे में अच्छा सोचना चाहिए और मुश्किल समय में उनकी देखभाल और चिंता करनी चाहिए। मदद और देखभाल ऐसी चीज होती है, जो आप लोगों को जितना देंगे उतना ही वह आपके पास लौट कर अपने आप मिलता है। घर पर रहने वाले निकटतम लोगों की देखभाल करके प्यार शुरू होता है।
ऐसे ही परिवार में
अपने बड़े बुजुर्गों की देखभाल करना हमारा नैतिक कर्तव्य हैं। जिम्मेदार
व्यक्ति होने के नाते हमें पता होना चाहिए कि अपने बड़ों की देखभाल कैसे करें बूढ़े
व्यक्ति घर परिवार का मुखिया होते हैं। बुजुर्गों की देखभाल
के लिए सबसे जरूरी है कि आप उनको प्यार करें उनको सम्मान दे और
इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि उनको सक्रिय और फिट रखें
अपने बड़ों की देखभाल के लिए थोड़ा समय निकाल कर और थोड़ी
मेहनत कर अपने दादा- दादी, नाना- नानी या फिर अन्य परिवार में बुजुर्ग इंसान के चेहरे पर मुस्कान
ला सकते हैं। इसके लिए उनकी मानसिक, शारीरिक और भावात्मक
देखभाल होनी चाहिए।
विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों को अपने बड़े व अपने मित्रों की भी देखभाल करनी चाहिए कभी स्वार्थ नहीं रखना चाहिए। निस्वार्थ भाव से देखभाल करनी चाहिए। ऐसे ही हमें अपनी चीजों के प्रति भी देखभाल रखनी चाहिए। देखभाल का मतलब है सही काम करें, श्रेष्ठ प्रदर्शन करें। अपने कर्तव्यों को जिम्मेदारी से पूरा करें।
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The Fabindia School, Bali
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