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अनुशासन: ज्योति सैन

स्वयं पर स्वयं का शासन कहलाता है अनुशासन

यह कोई पराधीनता नहीं, ना ही है कोई बंधन

यह है नियमों का अनुकरण,

बनता है जिससे आदर्श जीवन।“

                 अनुशासन चेतना का परिष्करण है,

                अनुशासन सिद्धांतों का अनुकरण है,

                 अनुशासन सुसंस्कारों का धरोहर है,

                  अनुशासन सफल जीवन का आधार है।“

अनुशासन को एकल शब्द कहा जाता है, जो एक औसत व्यक्ति को एक महान व्यक्तित्व में बदल देता है। इस दुनिया की सभी महान हस्तियों के बीच एक गुण है, जो सामान्य हैं वह है अनुशासन।अनुशासित दिनचर्या और उनके मन पर कठोर नियंत्रण ने उन्हें मानव जाति के इतिहास में अमर बना दिया। अनुशासन जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है और सभी सफल लोगों की कहानियाँ हमेशा उनके जीवन में अनुशासन के महत्व को शामिल करेगी।

अनुशासन केवल दूसरों के बनाए नियमों के पालन करने को नहीं कहते, इसमें हमें स्वयं हमारे जीवन को सुव्यवस्थित व नियंत्रित ढंग से यापन करने के लिए नियमों का निर्माण करना व कठोरता से पालन करना है। अनुशासित व्यक्ति कभी जीवन में असफलता का मुँह नहीं देखता। सफल होने के लिए निरंतर प्रयास करने होते हैं। जिसमें अनुशासन एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। हमें हमेशा प्रकृति की तरह अनुशासित रहना चाहिए। जिस तरह से सूर्य समय पर उदय होता है, पृथ्वी अपने अक्ष पर घुमती है, चंद्रमा अपने समय अनुसार निकलता हैमौसम अपने समय के आधार पर बदलते हैं। ये सभी अनुशासित ढंग से अपना कार्य करते हैं। ठीक इसी तरह हमें भी अनुशासन बनाए रखते हुए लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए।

Jyoti Sain 
The Fabindia School
jsn@fabindiaschools.in

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