Monday, December 7, 2020

साहस - Krishan Gopal

Courtesy: vividcomm.com
जीवन में कई क्षण ऐसे आते हैं जब हमें ऊहापोह की स्थिति छोड़कर साहस दिखाने की आवश्यकता पड़ती है।  साहस का अर्थ केवल शारीरिक युद्ध से नहीं है। जीवन में कई ऐसे अवसर आते हैं जब हमें निर्णय लेने में परेशानियों का सामना करना पड़े। कई बार स्थिति गंभीरतम हो जाती है, तब व्यक्ति किसी निर्णय पर नहीं पहुँच पाता। ऐसी परिस्थितियों से जूझना और स्वयं को तटस्थ रखना ही साहस है। इन परिस्थितियों का सामना केवल एक बार ही नहीं करना पड़ता बल्कि यह तो सीढी की तरह है, हर कदम पर हमें साहस दिखाने की आवश्यकता पड़ेगी। 

ऐसे कितने ही उदाहरण भरे पड़े हैं जब विपरीत परिस्थितियों में लोगों ने साहस दिखाकर बेहतर काम करके दिखाया। अधिकांशतः नकारात्मक सोच रखते हुए नकारात्मक परिणाम की कल्पना कर लेते हैं, इसी वजह से कोई नया काम करने में कतराते हैं। सोचिए, वैज्ञानिक कितना साहस दिखाते हुए किसी औषधि की खोज करते हैं परंतु कई बार परिणाम अपेक्षाकृत नहीं मिलते।

 इस कारण वे घबराकर या पराजित होकर अपना कार्य बंद नहीं कर देते हैं बल्कि फिर से नई ऊर्जा के साथ जुट जाते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। इसका ही परिणाम है कि आज विज्ञान के क्षेत्र में हमने इतनी तरक्की की। यदि सकारात्मकता के साथ किसी काम में जुट जाते हैं और फिर भी असफल  हो जाते हैं तो भी हम बहुत कुछ सीख सकेंगे, की हुई गलतियों को समझ कर उसे दोहराएँगे नहीं। और यदि सफल हो जाते हैं तब तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहेगा। 

एक शिक्षक के रूप में हमें कई स्थानों पर साहस दिखाने की आवश्यकता पड़ती है। यदि बच्चों को साहसी बनाना है या ये मूल्य उनमें विकसित करना है तो शिक्षक को स्वयं ऐसा बनना पड़ेगा। क्योंकि बालक देखकर सीखता है जैसा आचरण उसके शिक्षक का होगा वैसा आचरण ही एक बालक द्वारा दोहराया जाएगा। सीखना प्रक्रिया सतत चलायमान है।

साहस के साथ धैर्य की भी आवश्यकता पड़ती है। कई बार किए हुए कामों का परिणाम देरी से मिलता है ऐसे में धैर्य की आवश्यकता होती है। परिणामों को प्राप्त होने में निर्धारित समय से अधिक भी लग सकता है। इसलिए नए काम के साहस के साथ धैर्य की भी आवश्यकता रहती है। अगर वांछित परिणाम मिलने में देर हो जाए तो सकारात्मकता के साथ धैर्य से प्रतीक्षा करनी चाहिए। अपने कार्यों में संलग्न रहे और सृजनात्मकता को भी समय देते रहे, निश्चित रूप से सफलता मिलेगी।  
    
Krishan Gopal 
The Fabindia School, Bali 
kde@fabindiaschools.in 

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