सादगी और विश्वास: उषा पंवार


सादगी एक मानवीय गुण है जिसे मानव जीवन में पालन करना चाहिए । हमें बड़े लोगों (ज्ञानी) के सरल जीवन, उच्च विचारों पर मनन कर अपनाना चाहिए। -''सादा जीवन उच्च विचार''

जीवन में सादगी का होना बहुत आवश्यक है क्योंकि यदि हम हमेशा बनावटी रहेंगे तो कभी भी सही फैसला नहीं ले पाएँगे । सादगी में ही जीवन की सुंदरता होती है। सादगी के द्वारा अपना बहुत सा समय, धन और खर्च होने वाली शक्तियाँ बचा सकते हैं और उनका अपने उत्कर्ष के लिए सदुपयोग कर सकते हैं । हमें भोजन से लेकर रहन-सहन तक साधारण तरीके से जीना चाहिए। आजकल रहन-सहन, रीति-रिवाज, त्योहारों के नाम पर दिखावे के लिए अपने नाम या बड़प्पन के लिए अनाप-शनाप खर्च करते हैं, कमाई का अंश इसी में खर्च हो जाता है अतः इन सब से बचने के लिए साधारण तरीके से जीना चाहिए । साधारण एवं पौष्टिक भोजन करना चाहिए।

विश्वास एक मन की भावना का गुण है जिस प्रकार परिवार में परिजनों में परस्पर प्यार होता है। माता-पिता का बच्चों के प्रति, भाई बहनों में, भाई-भाई में, पति-पत्नी में प्यार होता है क्योंकि वह एक दूसरे पर विश्वास करते हैं सभी के अंदर विश्वास होता है अगर हम डॉक्टर के पास जाते हैं, तो हमें विश्वास होता है कि डॉक्टर हमें स्वस्थ कर सकता है या किसी बस में बैठते हैं तो हमें ड्राइवर पर विश्वास होता है कि वह हमें मंजिल तक पहुँचाएगा । किसी भी रिश्ते की सबसे बड़ी नींव होती है- विश्वास। ऐसा रिश्ता शिक्षक व छात्र के बीच भी होता है जैसे- छोटी कक्षा से ही बच्चों में अध्यापक के प्रति एक प्यार जो उन्हें माँ रुपी मिलता है यही प्यार एक विश्वास का रूप लेकर आगे बढ़ता है, इसी प्रकार प्रत्येक रिश्ते की बुनियाद विश्वास पर टिकी है। शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन के वास्तविक कुम्हार होते हैं, जो ना सिर्फ छात्रों के जीवन को आकार देते हैं बल्कि छात्रों में यह विश्वास जगाते हैं कि छात्र शिक्षक के द्वारा समझाई गई बातें अपने आप को काबिल बना सकते हैं अतः शिक्षक की सबसे बहुमूल्य संपत्ति छात्रों का विश्वास और छात्रों में आत्मविश्वास जगाना है ।

छात्रों को सबसे ज्यादा विश्वास अपने गुरुजनों पर होता है। क्योंकि गुरुजनों को सागर की अथाह गहराई से नापा है। गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु, गुरु को भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया है। शिक्षक और छात्र का रिश्ता एक विश्वास का होता है, जिसे हम जिंदगी भर नहीं भूल पाते जैसे हम भी अपने शिक्षकों को नहीं भूल पाते हैं।  बचपन से बड़े होने तक शिक्षक बहुत सारी अच्छी शिक्षाएँ देते हैं । जीवन में आगे बढ़ने और सफलता पाने का रास्ता भी दिखाते हैं। कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं, जिनसे हम बहुत ज्यादा प्रेरित होते हैं उन्हें और उनके द्वारा दी गई सीख को नहीं भूल पाते हैं। अधिकतर छात्र अपने शिक्षक को ही अपना रोल मॉडल मानते हैं । शिक्षक को भी छात्रों की भावनाओं को जानना चाहिए। शिक्षक को हमेशा छात्र से बड़ी अपेक्षाएँ होती है और रखनी भी चाहिए । एक शिक्षक को हमेशा इस बात का एहसास छात्रों को दिलाना चाहिए कि उन्हें उससे बहुत अपेक्षाएँ है। ऐसे में छात्र को प्रेरणा भी मिलती है और शिक्षक व छात्र के बीच रिश्ता भी गहरा होता है यानी दोनों में गहरा विश्वास भी होता है।
Usha Panwar
The Fabindia School, Bali

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