सादगी और विश्वास: कुसुम डाँगी


सरलता का अर्थ, सरल होने की अवस्था गुण या भाव, सरल शब्दों में कहें तो किसी को भी आसानी से समझना और सत्यता की समझ रखना ही विश्वास है विश्वास और मन को स्थिर करने की विधि है - ईमानदारी और सच्चाई। जो इंसान जितना सरल और सादा होता  है।उस पर आसानी से विश्वास किया जा सकता है, क्योंकि सरल व्यक्ति अपने जीवन से अनुपयोगी और निरर्थक विचार बाहर निकाल लेता  है सार्थक और उपयोगी गुण  अपने जीवन में अपना लेता है। जीवन में सादगी लाना और तुच्छ विचारों को हृदय से दूर कर देना, अपने आप में महान गुण है। व्यक्ति का जीवन जितना सादा और सरल होता है, उतना ही वह विनयशील, शिष्ट तथा आत्मनिर्भर होता है।

शिक्षक का स्वभाव जितना सादा होता है, छात्र उन्हें उतना ही महत्व देते हैं। क्योंकि वो अपनी कोई भी समस्या बिना किसी झिझक के उनके साथ बाँट सकते  हैं । जिससे शिक्षक उनकी  समस्याओं का समाधान  कर  सकते हैं। इससे उनके बीच का  रिश्ता बेहतर और मजबूत बनता है । छात्रों को अधिक से अधिक जिम्मेदारी देने और उन पर विश्वास करने से, वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीकों  से  निभाते  हैं।

इससे वे आत्मविश्वासी बनते हैं और कठिन से कठिन जिम्मेदारी लेने में आगे आते है जिससे उनमें  ईमानदारी, धैर्य और सच्चाई आदि गुण विकसित होते हैं । धैर्य वो गुण है जो इंसान को कभी असफल नहीं होने देता थोड़ा समय जरूर लगता है लेकिन सफलता जरूर मिलती  है । इससे निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि सरलता और विश्वास आपस में जुड़े हुए है क्योंकि जो सरल और ईमानदार होगा उस पर विश्वास आसानी से किया  जा सकता  है ।

" किसी का सरल स्वभाव उसकी कमज़ोरी नहीं बल्कि उसकी ताकत होता है "
Kusum Dangi
The Fabindia School, Bali

Blog Archive