साहस और धैर्य: उषा पंवार


सच्चा साहसी वही होता है जो कभी निराश नहीं होता है। जिस काम को करने में डर लगता है फिर भी हम उस काम को करने की कोशिश करते हैं और पूरा कर देते हैं वही साहस होता है। साहस धैर्य योग्यता कोशिश यह सफलता के रहस्य हैं। हमें कठिन परिस्थितियों में ही साहस व धैर्य की आवश्यकता पड़ती है। साहस रखने व वाले व्यक्ति किसी से नहीं डरते उनके सामने कोई भी मुश्किल हो। साहस ही एकमात्र ऐसा साथी है जिसे साथ लेकर मनुष्य कठिन से कठिन रास्ते पर चलकर लक्ष्य तक पहुंच जाता है। साहस वह उत्साह है जो जीवन में रंग भरता है। विद्यार्थियों को भी हर चुनौती का सामना करने का साहस रखना चाहिए तभी वे अपने लक्ष्य तक पहुंच है।

     धैर्य:-धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय,
         माली सींचे सौ घड़ा ऋतु आए फल होय।

जिसे धीरज है वह मेहनत से नहीं घबराता उसे सफलता मिलती ही है। धैर्य कड़वा है पर उसका फल मीठा होता है। धैर्य हर समस्या का हल है। धैर्य यानी सब्र एक ऐसी सवारी है जो सवार को गिरने नहीं देती दुख में धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए। धैर्य और साहस में फर्क है जहां धैर्य की जरूरत है वहां साहस से काम नहीं चलता जैसे यदि कोई पानी में डूबा जा रहा है तो उसे बचाने के लिए साहस की जरूरत होती है न कि धैर्य की। उस समय धैर्य काम बिगाड़ देता है उसी प्रकार शिक्षक को कमजोर छात्र को समझाने के लिए धैर्य की जरूरत होती है ।
Usha Panwar
The Fabindia School

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