सरलता एवं विश्वास: आयशा टॉक


सादगी एक महान गुण है, जिसे हर कोई जीवन में पालन कर सकता है। हमें सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखना चाहिए। हमारे पास एक साधारण जीवन - शैली होनी चाहिए। हमें फैशन के पीछे नहीं भागना चाहिए। हमें अपने साधनों से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए। हमें अपने भाषण अर्थात बोली में शिष्टाचार एवं सादगी का पालन करना चाहिए। हमें अपनी बात में मीठा एवं विनम्र होना चाहिए। हमें घमंड नहीं करना चाहिए, न ही हमें अपनी कड़वी बातों से किसी का दिल दुखाना चाहिए। हमें किसी भी परिस्थिति में अपना आपा अर्थात मानसिक संतुलन नहीं खोना चाहिए। हमें अगर किसी को कुछ कहना होता है, तो हम अपनी बात को बहुत ही सरल लहजे से कह सकते है। सरलता कभी किसी को दुखी नहीं करती है, बल्कि सरलता किसी व्यक्ति के दिल में आपके लिए सम्मान एवं विश्वास पैदा करती है। 

 विश्वास एक बहुत छोटा - सा  शब्द लगता है, लेकिन इसके मायने बहुत बड़े एवं गहरे होते हैं। विश्वास ही जीवन का आधार है। विश्वास पर दुनिया टिकी हुई है। जिंदगी में किसी पर विश्वास करना एवं किसी का विश्वास जीतना बहुत जरूरी होता है। विश्वास एक बहुत ही अमूल्य भावना है, जिसका कोई मोल नहीं होता है। यदि जीवन में आप पर किसी ने विश्वास कर लिया एवं आपने किसी का विश्वास जीत लिया तो आप बहुत ही भाग्यशाली व्यक्ति है। विश्वास हर रिश्ते में बहुत जरूरी होता है। यह जरूरी नहीं है कि हर बार हम किसी पर या कोई हम पर एकदम से विश्वास कर लें। विश्वास की राह कठिन जरूर है, परन्तु फिर भी हम उसे पा जरूर सकते है, वह नामुमकिन नहीं है। हो सकता है, अगले को हम पर विश्वास करने में कुछ ज्यादा वक्त लग जाए। 

परन्तु बालकों का मन बहुत कोमल होता हैं, वे आसानी से अपने रिश्तेदारों, मित्रों एवं अध्यापकों पर विश्वास कर लेते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ प्यार, अपनत्व एवं सादगी भरे व्यवहार की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए जैसे - एक छोटा बच्चा जब चलना सीखता है, जब वह डगमगाने लगता है तो अपने परिवार के किसी बड़े व्यक्ति का हाथ थाम लेता है। ठीक ऐसे ही जब कोई बच्चा पहली बार विद्यालय में आता है तो वह बहुत रोता है, परन्तु जब उसके अध्यापक उसकी भावनाओं को पूरी तरह से समझने लग जाते है। वे उसके सामने सरलता और प्यार से पेश आने लगते है तो वह बच्चा रोना बंद कर देता है एवं अपने अध्यापक पर पूर्ण  विश्वास करने लगता  है एवं अपनी हर बात उनके साथ में बाँटने लगता है। फिर तो वह अपनी हर परेशानी को अपने रिश्तेदारों से ज्यादा अपने अध्यापक पर भरोसा करके उन्हें बता सकता है। 
Aysha Tak
The Fabindia School, Bali

Blog Archive