जिम्मेदारी और सहयोग: सुरेश सिंह नेगी


जिम्मेदारी का वास्तविक अर्थ प्रतिक्रिया करने की क्षमता है। रूसो का कहना है कि ‘मनुष्य स्वतंत्र पैदा होता है, लेकिन सदा जंजीरों में जकड़ा रहता है। यह बात काफी हद तक सही भी है, क्योंकि जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं वैसे-वैसे हमारी, समाज और देश के प्रति जिम्मेदारियाँ भी बढ़ती चली जाती हैं। किसी भी कार्य की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उस को कितनी जिम्मेदारियों के साथ किया गया है। दूसरों के प्रति जिम्मेदार होने से पहले हमें खुद के लिए जिम्मेदार होना चाहिए। अधिक जिम्मेदार होने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम पहले अपनी सीमाओं के बारे में जानें।

सहयोग, सामाजिक जीवन की सबसे मौलिक और साहचर्य प्रक्रिया में से एक है। इसके बिना कोई भी समाज अस्तित्व में नहीं रह सकता।  यह मानव जीवन की जड़ है।  सहयोग शब्द  का मतलब एक साथ काम करना है। दूसरे शब्दों में, इसका  अर्थ है सामान्य लक्ष्य या लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करना है।

सहयोग तब होता है, जब लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक साथ काम करते हैं, भले ही वे एक साथ काम करने के लिए स्वतंत्र हों। सहयोग के साथ किये गए कार्य में सफलता मिलने की उम्मीद ज्यादा होती है,क्योंकि सहयोग द्वारा किये गए कार्य में काम को आपस में जिम्मेदारियों के साथ बाँट  दिया जाता है।

आज  कोविद -१९ के इस दौर में हम सबका यह कर्तव्य बनता है कि हम सब  अपनी -अपनी जिम्मेदारियों को समझें और एक -दूसरे के सहयोग से उनका निर्वहन करें।
Suresh Singh Negi
The Fabindia School, Bali

Blog Archive