आशा और दोस्ती: कुसुम डाँगी


"आशा मन की वह भावना है जिससे व्यक्ति वस्तुओं और घटनाओं से किंचित अपेक्षा रखते हुए उनके  होने और न होने की संभावना तथा उनके प्रति रूचि और अरूचि प्रकट की जाती है।"

एक  सफल  जीवन  की  बुनियाद  भी  आशा  ही  है। इंसान  की  प्रत्येक  उन्नति और  लक्ष्य  की  प्राप्ति  का  संचार  आशाओं  से ही  होता  है। आशाओं  से  व्यक्ति  हिम्मत  और  हौसले  के  दम  पर  मुश्किलों  को  पार  कर  लक्ष्य  प्राप्त  कर  ही  लेते  हैं। हमेशा  सोच  सकारात्मक रखनी चाहिए क्योंकि  ऐसे इंसानों  को निराशा के क्षणों में भी  आशा  का  प्रकाश  दिखायी  देती हैं। इसके  बल  पर  वे  अपनी  परिस्थितियों  में  सुधार  कर लेते  हैं अपनी  क्षमता और  कमजोरियों  को  ध्यान  में  रखकर  योजना  बनाते  हैरास्ते  में  आने  वाली  मुश्किलों  का  हल  खोज  निकालते  हैं  और  सफलता  प्राप्त कर लेते  हैं।

मित्रता  जीवन  की सबसे कीमती रिश्तों में  से  एक हैं दोस्ती  एक  ऐसी  भावना हैं, जिसमें  कोई  आपको समझता हैं और  आपकी  सराहना  करता  हैं। एक  सच्चा मित्र  हमेशा  आपके  साथ  खड़ा  रहता  हैंहर  समय  कठिनाई  और मुश्किल  के  समय  अकेला नहीं होने देता

सच्ची  दोस्ती  में  हमेशा  उचित  समझ, संतोष  विश्वास  की  जरूरत  होती  हैं सच्चा  मित्र  जीवन  में  सही काम  करने के लिए  प्रेरित  करता  हैं। गलत  काम  करने पर टोकता हैं। दोस्ती में  उम्मीद  का  होना आवश्यक है इससें  विश्वास बढ़ता हैं और  जहाँ  विश्वास  होता  हैं  वहीं  सच्ची  मित्रता  होती  हैं। इसमें  अंहकार बिल्कुल  नहीं होना चाहिए  क्योंकि  जहाँ  अंहकार  होता  है  वहाँ  सच्ची  मित्रता  नहीं होती  वहाँ ईर्ष्या   जाती  हैं।

अच्छे दोस्त बनाओ, कभी उनका दिल ना दुखाओ, चाहे दुख हो या सुख हमेशा एक-दूसरे का साथ दो, एक-दूसरे की मदद करो यही दोस्ती का असली रूप हैं।
Kusum Dangi
The Fabindia School, Bali

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