एकता एवं देखभाल: राजेश्वरी राठौड़


एकता अर्थात संगठन पूर्वक कोई कार्य करना। एकता हमारे जीवन में कई बाहर झलकती है जैसे परिवार की एकता, देश की एकताकई कार्यालय में एकता, विद्यालयों में एकता इत्यादि पर मूल रूप से इन सभी का अर्थ है, किसी को अकेला नहीं छोड़, कंधे से कंधा मिलाते हुए, कार्य में सहयोग करना। हम सभी ने सुना है, एकता में अटूट शक्ति है। इस पंक्ति का अभिप्राय है, जब हम अपने साथियों के साथ मिल कर कुछ कार्य करें, तब उस कार्य का सफल होना तय होता और वहीं अगर हम अहंकार पूर्वक वह कार्य अकेले करें तो शायद ही वह कार्य सफल होगा। 

हम सामान्य तौर पर एक विद्यालय को हमारा दूसरा घर समझते हैं, क्योंकि वहाँ हमें वह अटूट आपसी बंधन एवं अपनापन दिखाई देता है। जो हमें हमारे घर में नजर आता है और इसका स्पष्ट कारण है वहाँ सीखा गया एकता पूर्वक कार्य का गुण। अतः एक दूसरे को जो कार्य दिया जाता है अपनी जिम्मेदारी समझ कर पूरा किया जाता है। उस कार्य को निष्ठा पूर्वक किया जाता है। सभी एक दूसरे के सहयोग से ही कार्य में सफलता मिलती है

देखभाल का अर्थ है, किसी की परवाह करना सेवा करना संभालना इत्यादिदेखभाल एक ऐसी स्थिति है, जो मानव जीवन में बहुत महत्व रखती है। यह मनुष्य की करुणा का स्त्रोत है। जीवन में एक दूसरे की चिंता करना देखभाल करना खयाल रखना बहुत मायने रखता है। चाहे कोई व्यक्ति हमारे परिवार का हो या ना हो, हमें किसी के बारे में अच्छा सोचना चाहिए और मुश्किल के समय में उनकी देखभाल और चिंता करनी चाहिए। 

मदद और देखभाल ऐसी चीज होती है जो आप लोगों को जितना देंगे उतना ही वो आपके पास लौटकर अपने आप मिलती है। देखभाल, जैसे छोटे बच्चों की करना, बड़े-बूढ़ों की देखभाल करना कोई कार्य दिया हो तो देखभाल करके पूर्ण करवाना या करना, किसी पशु-पक्षी की दया करना व देखभाल करना। अतः विद्यार्थियों के जीवन में भी ये नैतिक मूल्य होना चाहिए। एक दूसरे के प्रति प्रेम व दया अवश्य होनी चाहिएएक दूसरे की देखभाल अवश्य करनी चाहिए
Rajeshwari Rathore
The Fabindia School, Bali

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