विचारशीलता और समझ: राजेश्वरी राठौड़


विचार का अर्थ है किसी बात पर चिंतन के लिए अपने दिमाग का उपयोग करने की प्रक्रिया है। मनुष्य जब भी कोई कार्य करता है तो वह पहले सोच विचार करता हैअच्छे बुरे कार्य के बारे में सोचता हैइस कार्य से क्या परिणाम मिलेगा सोच विचार करके ही कार्य करेगाइस तरह शिक्षा के स्तर में भी एक शिक्षक जब अपने विषय का पाठ्यक्रम और पाठ योजना पर पूर्ण रूप से सोच विचार करके विद्यार्थियों को शिक्षा देता है।

विद्यार्थी का जब मूल्यांकन किया जाता है विद्यार्थी विषय ज्ञान को समझ कर विचार करके परीक्षा देता हैइसी तरह मानव सामाजिक प्राणी है, वह कोई भी कार्य करता है तो उस पर विचार अवश्य करता हैबाद में कार्य की रूपरेखा तैयार करता हैवह कार्य की पूर्ण योजना बनाकर करता हैचाहे कोई भी हो इन विचारों को समझकर ही कार्य करता है। तब ही एक मनुष्य अपने कार्य में सफलता पाता है।

समझ के अनेक नाम है बुद्धि, विचार, खयाल, हमति, जानना, तालमेल, इत्यादि। समझ का अर्थ स्पष्टीकरण या कारण जानने के लिए कोई कार्य करनामनुष्य द्वारा किसी के स्वभाव और संवेदना को समझना किसी के व्यवहार को जानना और विचार करके कार्य करना होता हैएक छात्र की शिक्षा को सुचारू रूप से चलाने के लिए छात्र की भावनाओं को अध्यापक व अभिभावक को समझ कर चलना चाहिएजब शिक्षक व अभिभावक छात्र के स्वभाव या व्यवहार को जानेगा व उसे हँसी खुशी व भरोसा देगे। तब ही छात्र आगे बढ़ेंगे। परिवार हो या समाज, घर या कार्यालय मे हो, सभी में व्यक्ति को एक दूसरे को समझना चाहिए। तभी कार्य सही तरीके से व सुचारू रूप से चलेगाव्यक्ति के किसी भी कार्य में विचाशीलता और संयम उसके आधार स्तंभ होते है।
Rajeshwari Rathore
The Fabindia School, Bali

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